आज जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (1901-1953) की पुण्यतिथि है इतिहास में ऐसा कोई भी प्रमाण नही मिलता जहाँ पता लगे कि उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजों की खिलाफ जाकर आजादी की लड़ाई मे कोई योगदान दिया है बल्कि इस बात के प्रमाण जरूर मिलते है कि उन्होंने कैसे अंग्रेजों की सुविधानुसार आज़ादी की लड़ाई को धार्मिक आधार पर विभाजित करने के हर सम्भव प्रयत्न किए, आडवाणी के निजी सचिव रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने स्वयं कहा कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी चाहते थे कि बंगाल एक न रहे और इसका विभाजन हो.
यहां तक कि उन्होंने1942 में बंगाल के उप-मुख्यमंत्री रहते हुए भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने के भी प्रयास किये थे मुस्लिम लीग के नेता फ़जलुल हक़ उस वक्त बंगाल सूबे के मुख्यमंत्री थे यानी आज़ादी से पहले श्यामाप्रसाद मुखर्जी मुस्लिम लीग से गठबंधन कर सरकार चला रहे थे.......
सावरकर स्वयं इस विषय मे कहते है
'बंगाल के मामले को आप जानते ही हैं. लीग के लोग जिन्हें कांग्रेस भी मना नहीं पाई वह जब हिंदू महासभा के संपर्क में आए तब समझौते के लिए तैयार हो गए और जनाब फजलुल हक की अगुआई में और हमारे सक्षम नेता श्यामाप्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार सफलतापूर्वक एक साल से अधिक समय तक चलती रही जिसका दोनों समुदायों को फायदा हुआ'
(विनायक दामोदर सावरकर, समग्र सावरकर वांगमय हिंदू राष्ट्र दर्शन
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