तीनो खबरें धर्मांतरण से सम्बंधित हैं.... तीनों को ध्यान से पढिए....
एक खबर बताती है कि सतरंगी सपनों और पैसे के लालच मे आकर लड़कों ने इस्लाम क़ुबूल किया.... सपने भी उनके...लालच भी उनका... और गुनाह मौलाना का..... मतलब पैसे के लालच मे हत्या आप करो पर गुनाहगार पड़ोसी को माना जाये.....
दूसरी खबर बताती है कि एक लड़की जो घोर आस्तिक थी .... रोज मन्दिर जाती थी.... उच्च शिक्षित थी... ने अंग्रेजी भाषा मे कुरान पढ़ी और मुसलमान बनने का निर्णय लिया.... इस सम्बंध मे उसने पहले एसडीएम से सार्टिफिकेट प्राप्त किया इसके बाद मौलाना जहांगीर से..... लेकिन न लडकी दोषी न वो एसडीएम दोषी अकेले मौलाना दोषी....
तीसरी खबर बताती है कि छाया और अन्जली नाम की दो लड़कियों ने निकाह से पहले धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम लड़कों से निकाह किया.... उनसे धर्म छुपाकर शादी नही की गई..... फिर जब 3 साल बाद दोनो के रिश्ते मे दरार आयी तो लड़को पर धर्मांतरण कराने का केस कर दिया....
कोई पैसे के लालच मे धर्म परिवर्तन कर रहा है तो कोई निकाह के लिये.... पर अपराधी सिर्फ मौलाना को बनाया जा रहा है....कितनी विकट स्थिति है ये..... मुस्लिम संगठनों, शहर काजियों, वफ्फ बोर्ड की इसपर चुप्पी मुझे बेहद खल रही है और निराशाजनक लग रही है.....
क्या सब अपना ईमान फासिस्टों के आगे गिरवी रख दिये हैं......
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