लेकिन हम इन्हें कम से कम 2 साल तो जेल में रखेंगे
किताबें लिखी गई है जिनमें ऐसे मुसलमानों की कहानियां है जिन्हें अदालतों ने बेकसूर साबित करके रिहा किया लेकिन तब तक वे कई साल यहां तक कि 23 साल तक निर्दोष होते हुए जेल में गुजार चुके थे
हजारों आदिवासी है जो निर्दोष होते हुए जेलों में पड़े हैं
बस्तर में तो मार्क्स की किताब इंडिया टुडे छाता भगौना तक माओवादी साबित करने के सबूत के तौर पर पेश किया जाता है
डीएनए में एक रिपोर्ट छपी थी जिसमें ऐसे मामलों का जिक्र किया गया था जिन में आदिवासियों को छाता टॉर्चर भगोना मिलने की वजह से माओवादी कहकर जेल में डाला गया था
पुलिस की कहानियां पढ़ कर हमें हंसी आती है
लेकिन अदालतें ऐसी मजाकिया कहानियां बनाकर निर्दोषों को जेलों में डालने वाले पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं करती
यही वजह है कि भारत की जेलों में 66% दलित आदिवासी ओबीसी और मुस्लिम बंद है
यह गरीब लोग हैं समाज में कमजोर तबके के लोग हैं इन्हें फर्जी मामलों में फंसाना जेलों में कई कई साल तक सड़ाना यह इस सिस्टम को चलाने के लिए जरूरी है
अभी यूपी में चुनाव के मद्देनजर दो मुस्लिमों को पकड़कर फ्रंट पेज पर खबर छापी गई है कि यह लोग धर्म परिवर्तन कराते थे
खबर छापी गई है कि इनके पास से मुस्लिम साहित्य मिला
इन गधों से पूछो कि मुस्लिम साहित्य रखना कब से जुर्म हो गया भाई
अगर मुस्लिम साहित्य जुर्म है तो हिंदू साहित्य भी जुर्म घोषित कर दो
लेकिन भारत में अन्याय की कोई सीमा ही नहीं है
आप बहुसंख्यक हैं तो अल्पसंख्यक पर अत्याचार कीजिए
आप शहरी हैं तो किसानों को सताइए
आप अमीर है तो आदिवासियों की जमीनों पर कब्जे के लिए उन्हें माओवादी कहकर जेलों में डाल दीजिए
आप बड़ी जात के हैं तो दलितों को गालियां दीजिए उनके जेल जाने पर आंखें मूंदकर बैठ जाइए अत्याचारों को समर्थन दीजिए
एक राष्ट्र के रूप में हम पूरी तरह फेल हो गए हैं
भारत में सब एक दूसरे से युद्ध कर रहे हैं
एक मजहब दूसरे मजहब से लड़ रहा है एक जाति दूसरी जाति से लड़ रही है 1 वर्ग दूसरे वर्ग से लड़ रहा है
सत्ता अदालत पुलिस हर चीज का इस्तेमाल एक दूसरे के खिलाफ किया जा रहा है
अभी तो सत्ता बहुसंख्यको के हाथ में है
इसलिए वह दलितों ओबीसी और मुसलमानों के खिलाफ इस सत्ता का इस्तेमाल कर रहे हैं
अमीर वर्ग गरीब के खिलाफ इस सत्ता का इस्तेमाल कर रहा है
हमें एक भ्रष्ट सांप्रदायिक हमारे हिसाब से चलने वाला सिस्टम चाहिए जो हमारे दुश्मनों को गैरकानूनी तरीकों से ताकत से कुचल दें और हरा दे हमारे सामने झुका दे भले ही हम गलत हो पर हमें जिता दे
और मजे की बात यह है कि हम भीतर तक कटे हुए हैं दलित जातियां आपस में बंटी हुई हैं ओबीसी दलित से कटा हुआ है सवर्ण बहुजन से कटा हुआ है हिंदू मुसलमान से अमीर गरीब से
हमारे इस बंटवारे को हवा देकर और भड़का कर अपराधी सत्ता पर बैठ गए हैं
हमें शर्म भी नहीं आती कि हमने साफ-साफ घोषित अपराधियों को सत्ता पर बिठाया है
और हम इन अपराधियों की शान की रक्षा करने के लिए अपने धर्म जाति अभिमान को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं
अपनी नफरत भरी राजनीति ने हमें आर्थिक तौर पर बर्बाद कर दिया हम दुनिया के सबसे बड़े बेरोजगार आर्थिक तौर पर खत्म सामाजिक तौर पर तबाह मुल्क बन गए हैं
ऐसा लगता है हम अपनी समझने की सोचने की ताकत ही खो बैठे हैं मजहबी नफरत जातिगत घृणा आर्थिक स्वार्थ ने हमें अंधा और बहरा बना दिया है और हम अपने हाथों अपने समाज को आग लगाने में लगे हुए हैं
याद रखिए आप किसी और का बुरा नहीं कर रहे इस मुल्क को बर्बाद कर रहे हैं जिस मुल्क में आपके बच्चे आएंगे बड़े होंगे उन्हें क्या मिलेगा एक बेरोजगार आर्थिक तौर पर तबाह सामाजिक तौर पर बिखरा हुआ देश
मर्जी आपकी है क्या करना है आप भी सोच समझ सकते हैं यह देश सिर्फ हमारा ही थोड़ी है आपका भी तो है
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